Negative approach would only weaken India, the biggest democracy in the world, appeals TV Journalist Mohd. Moeen. Future generations would hold us responsible. Washaway the stigma you are carrying on your forehead.

BKSingh

While the heat and dust of elections is yet to settle down with candidates hurling allegations at each other claiming to be the only benefactors of society….there are people getting swayed by them, others wondering as to what was happening.
Then there are those who have made up their mind which button they would click. With this there are traditional voters too.
It’s difficult to change their mind.
However,above all, an important issue doing rounds, centres around hindus and muslims.

It’s out in the open.
Supporters of both factions are busy working for the victory of their side.

In the midst of this scenario there are thinkers and analysts who just don’t think about themselves alone but for the future of their children, society, development and their country.

An emotional appeal made by a muslim senior TVJournalist Moin has gone viral on social media and has become quite popular.

The post reads, “since the past several elections you have been diverting all your energies on defeating BJP.

So called secular parties have been quite successful in infusing BJP’s fear in your heart.
This has made you forget the right and the wrong.
As a responsible journalist, I do not mean that you go and vote for the BJP.
What I mean that you exercise your valuable vote with caution.

Ask the party or the candidate you are going to vote for about his or their schemes.
Ask them what they would do for your community, society and the nation after winning.

It is your right to determine whome you would vote for. No body else has the right to interfere in this freedom and as such the decision is yours.

Negative voting has not brought you any gain nor it would ever bring any benefit in future.

Future generation would hold you responsible for your backwardness. Time is still there. Become wise. Go by what you think was right, don’t let the heart rule you. This is best in your and nations interest as well.

Else one day you will be held responsible for weakening the biggest democracy in the world.

Yes, there could be somebody bad in your eyes but you have to choose the good one.
I hope that shunning negative thinking you would vote for the victory of a candidate with a positive mind and wash away the stigma you have been carrying on your forehead.

My purpose is not to hurt you or show you the mirror but to apprise you of the reality.
Kindly, think at least once.
In case you agree with my thinking kindly share it widely,” said Mohd  Moin while talking to thewitnesstimes

 

*BJP के खिलाफ नेगेटिव वोटिंग करने वाले देश के मुसलमानों से प्रयागराज के TV पत्रकार मोहम्मद मोईन की भावुक अपील*

मुसलमान भाइयों,
पिछले कई चुनाव से आप नेगेटिव वोटिंग करते आ रहे हैं। आप किसी को जिताने के लिए नहीं, बल्कि बीजेपी को हराने के लिए पूरी शिद्दत से वोट डालते आ रहे हैं। बीजेपी को हराने के लिए आप चुनाव के दरम्यान पागल व जुनूनी हो जाते हो और कथित सेक्युलर पार्टियां आपके दिल मे बीजेपी का खौफ़ पैदा कर आसानी से अपना उल्लू सीधा कर लेती हैं। बीजेपी को हराने का मकसद लेकर आप इस क़दर जुनूनी हो जाते हो कि अपने हक़ व हुकूक की बात भूल जाते हो। आपको सही- गलत का एहसास नहीं होता। बीजेपी को हराने की जिद में भेड़- बकरियों की तरह झुंड में किसी के साथ भी खड़े हो जाते हो। कुल मिलाकर सियासत की शतरंजी बिसात पर आप मोहरे की तरह इस्तेमाल होते हैं। पहले आपको यह गुमान था कि आपकी मदद के बिना कोई सरकार बन ही नहीं सकती है, लेकिन 2014 और उसके बाद के कई चुनावों में आपकी यह ग़लतफ़हमी भी दूर हो गई। आपके पुरज़ोर विरोध के बावजूद मोदी और योगी ऐतिहासिक बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब हो रहे। हालांकि दोनों ही सरकारों में आपके साथ कोई भेदभाव हुआ हो, मुसलमान होने के नाते आपके साथ कहीं कोई नाइंसाफी हुई हो, मुझे तो ऐसा कहीं नजर नहीं आया। यह अलग बात है कि आवास से लेकर उज्ज्वला के कनेक्शन और स्टार्ट अप के फंड से लेकर फ्री के राशन दोनों हाथ से बंटोर रहे हैं। (Moin)

एक बार फ़िर चुनाव चल रहा है। वोटिंग हो रही है। आप आदतन इस बार भी बीजेपी को हराने के मिशन में जी- जान से पूरी शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं। बीजेपी के खिलाफ़ कौन सी पार्टी मजबूत है और सामने वाला कैंडिडेट कैसा है, आपको उसमे ज़रा भी इंट्रेस्ट नहीं, क्योंकि आपका मक़सद किसी को जिताना नहीं, बल्कि बीजेपी को हराना है। लेकिन कभी आपने यह सोचा कि नेगेटिव मानसिकता वाले इस खेल में आखिरकार आपको क्या हासिल हो रहा है। शायद कुछ भी नहीं, क्योंकि सो कॉल्ड सेक्युलर पार्टियों को आपकी उस कमज़ोरी का बख़ूबी एहसास है कि आप मजबूरी में मुंह बिचकाकर और दिल पर पत्थर रखकर भी उन्हें ही वोट करेंगे, क्योंकि सियासी नकारात्मकता तो आपकी आदत में शुमार हो चुकी है। (Moin)

मैं यह कतई नहीं कह रहा, कि आप सिर्फ बीजेपी को ही वोट करिये। एक ज़िम्मेदार पत्रकार होने के नाते मैं ऐसा कह भी नहीं सकता, लेकिन आप वोट किसी को भी करें, पर सोच समझकर करिये। जिस भी नेता या पार्टी को वोट देना हो, उससे उनकी योजनाओं के बारे में पूछिए। उनसे सवाल करिये कि जीतने के बाद वह खुद आपके लिए, आपकी कौम – समाज व देश के लिए क्या करेंगे। भारत की सीमाओं की सुरक्षा और देशवासियों के स्वाभिमान के साथ कोई समझौता तो नहीं होगा। किसी के भी प्रति नफ़रत का भाव छोड़िये और नेताओं व पार्टियों को उनके काम और उनकी सोच से आंकिये। किसी की हार से आपको कुछ हासिल होने वाला नहीं, क्योंकि जीतने वाला भी आपको कभी अपना नहीं मानता। उसे तो बस इस बात का गुमान है कि आप तो उन्हें वोट देंगे ही, क्योंकि आपके सिर पर तो किसी को हराने का भूत सवार है और इसलिए आप नेगेटिव वोटिंग ही करेंगे। (Moin)

भारत के मुसलमानों की पहचान अमन पसंद व देश के लिए मर मिटने वालों में रही है। वैसे भी इस्लाम सकारात्मक सोच और आगे बढ़ते रहने का संदेश देने वाला मज़हब है। फ़िर, हम इससे अलग व अछूते कैसे रह सकते हैं। मुल्क के हालात के मद्देनजर, हम विकासवादी सोच और देशभक्ति के नाम पर फ़ैली भावना के उफान में पीछे रहने के बारे में कैसे सोच सकते हैं। हम आज सुरक्षित भाव में ज़िंदगी बिताते हुए तरक्की की राह पर हैं। अपने भविष्य को बेहतर बनाने की कवायद में जुटे हैं, फिर खतरों के खिलाड़ी बनने का जोखिम बार- बार क्यों उठाते हैं। वोट किसे देना है, यह तय करना आपका अधिकार है। इसका फैसला आपको खुद ही करना भी होगा। मुझे या किसी दूसरे को उसमे दखल देने का कोई हक़ भी नहीं। बस मेरी एक अपील है कि दकियानूसी सोच छोड़िये। सियासी शतरंज की बिसात पर मोहरे की तरह इस्तेमाल होने से बचिए। किसी को हराने के लिए नहीं, बल्कि जिताने के लिए वोट करिये। नेताओं और पार्टियों से सवाल – जवाब कीजिये। उनके दावों को हकीकत की कसौटी पर परखिये। खूब सोचिये – समझिये और फ़िर फैसला करिये। यह तय करिये कि कौन आपके व आपके मुल्क के लिए बेहतर है। जिस दिन आप मज़हब के नाम पर वोट डालना बंद करेंगे, उसी रोज़ देश में तमाम समस्याएं खुद ही ख़त्म हो जाएंगी। इसी में खुद आपकी, कौम -समाज व मुल्क की भलाई है। (Moin)

नेगेटिव वोटिंग और किसी को हराने वाले खेल में आपको न कुछ हासिल हुआ है और न ही भविष्य में होगा। हां, इतना ज़रूर होगा कि आने वाली नस्लें मुल्क के पिछड़ेपन के लिए आपको ही कसूरवार ठहराएंगी। इतिहास में हम हमेशा कोसे जाएंगे, लिहाज़ा वक्त है, अब भी चेत जाइये। दिल के बजाय दिमाग का इस्तेमाल कीजिये। इसी में आपकी भलाई है और मुल्क की भी, वर्ना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के कमज़ोर का इल्जाम भी हमारे -आपके सर ही मढ़ा जाएगा। आपकी नज़र में कोई बुरा हो सकता है, लेकिन हमें तो अच्छे को चुनना चाहिए। उम्मीद करता हूं कि आप इस बार नेगेटिव थिंकिंग को डस्टबिन में डालकर पॉजिटिव एप्रोच के साथ किसी को जिताने के लिए वोट करेंगे और अपने माथे पर लगे कलंक को मिटाने की भी कोशिश करेंगे। वैसे मेरा मकसद आपका दिल दुखाना या आपको आइना दिखाने का कतई नहीं, बस आपको हकीकत से रूबरू कराने का है। एक बार सोचियेगा ज़रूर…… (Moin)

 

आपका अपना

मोहम्मद मोईन
टीवी पत्रकार
प्रयागराज

 

 

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